SBI Minimum Balance New Rules : अगर आपका खाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में है, तो आपके लिए यह खबर राहत भरी है। अब बैंक में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। यानी अगर आपके खाते में बैलेंस कम है या बिल्कुल नहीं है, तो भी आपको पेनल्टी नहीं देनी पड़ेगी। यह कदम ग्राहकों को सुविधाजनक बैंकिंग अनुभव देने के लिए उठाया गया है।
अब खत्म हुई न्यूनतम बैलेंस की टेंशन
आपको बता दें कि वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में जानकारी दी थी कि मार्च 2025 से SBI ने बचत खाताधारकों से न्यूनतम बैलेंस न रखने पर कोई भी चार्ज लेना बंद कर दिया है। पहले शहर के हिसाब से यह सीमा ₹1,000 से ₹3,000 तक तय होती थी और इससे कम बैलेंस पर पेनल्टी लगती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यह बदलाव लाखों ग्राहकों के लिए बड़ी राहत है।
बचत खातों के लिए नई व्यवस्था
पहले अलग-अलग शाखाओं और क्षेत्रों में अलग-अलग न्यूनतम बैलेंस की सीमा तय थी। उदाहरण के लिए, महानगर शाखाओं में ₹3,000, अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ₹2,000 और ग्रामीण क्षेत्रों में ₹1,000। अब इस नियम को पूरी तरह हटा दिया गया है। बैंक का मकसद है कि हर वर्ग के लोग बिना जुर्माने के डर के बैंकिंग सेवाओं का फायदा उठा सकें।
RBI के नियम क्या कहते हैं?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशा-निर्देशों के अनुसार:
खाता खुलते समय बैंक को ग्राहकों को न्यूनतम बैलेंस की शर्तें स्पष्ट रूप से बतानी चाहिए।
यदि बैंक इस नीति में कोई बदलाव करता है, तो ग्राहक को पहले से सूचना देना अनिवार्य है।
यदि ग्राहक बैलेंस की शर्त पूरी नहीं कर पाता, तो बैंक को कम से कम 1 महीने का समय देना चाहिए।
सिर्फ चार्ज की वजह से किसी ग्राहक का खाता शून्य या माइनस में नहीं जाना चाहिए।
जन धन खातों पर पहले से छूट
प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के अंतर्गत खोले गए खातों पर पहले से ही न्यूनतम बैलेंस की कोई शर्त नहीं है। इन खातों में बैलेंस न होने पर भी ग्राहकों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता।
बैंक खुद तय करते हैं सर्विस चार्ज
RBI ने बैंकों को यह अधिकार दिया है कि वे अपनी बोर्ड-स्वीकृत नीति के तहत सेवा शुल्क तय कर सकते हैं। लेकिन शर्त यह है कि:-
- शुल्क पारदर्शी हो।
- ग्राहकों को पहले से जानकारी दी जाए।
- शुल्क तय करते समय ग्राहकों के हितों का ध्यान रखा जाए।
किसके लिए फायदेमंद है यह बदलाव?
यह बदलाव खास तौर पर उन लोगों के लिए उपयोगी है:-
- जो खाते में कम बैलेंस रखते हैं।
- जिनका खाता केवल पैसे प्राप्त करने के लिए है।
- जो ग्रामीण या छोटे कस्बों में रहते हैं और बैंक का सीमित उपयोग करते हैं।
अब आम लोग बिना किसी जुर्माने के डर के अपना खाता सक्रिय रख सकते हैं और बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
निष्कर्ष
SBI के इस कदम से करोड़ों ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है। अब नियमित बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर कोई पेनल्टी नहीं लगेगी, और जन धन खातों पर पहले से ही यह छूट जारी है। यह बदलाव बैंकिंग सेवाओं को और आसान व सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अस्वीकरण: यह जानकारी केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्य से दी गई है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले संबंधित बैंक या आधिकारिक स्रोत से पुष्टि अवश्य करें, क्योंकि समय-समय पर बैंक की नीतियों में बदलाव संभव है।