देश के लाखों-करोड़ों परिवारों के लिए राशन कार्ड बेहद अहम दस्तावेज है, क्योंकि इसके जरिए गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को सरकार सस्ते दामों या फ्री में अनाज, दाल, चीनी, नमक और अन्य रसोई सामान देती है। लेकिन हाल के दिनों में सरकार ने पाया कि बड़ी संख्या में लोग गलत तरीके से इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। इसी वजह से सरकार ने राशन कार्ड व्यवस्था में बड़े बदलाव की घोषणा की है। अब फर्जी और अपात्र लोगों के राशन कार्ड रद्द किए जाएंगे और असली पात्र परिवारों को ही योजना का लाभ मिलेगा।
क्यों हो रहे हैं राशन कार्ड रद्द?
सरकार के मुताबिक, देश में लाखों ऐसे लोग हैं जो पात्रता पूरी नहीं करते, फिर भी राशन कार्ड बनवाकर फ्री अनाज और अन्य सामान ले रहे हैं। कुछ मामलों में इनकम टैक्स भरने वाले, सरकारी नौकरी करने वाले या उच्च आय वाले लोग भी राशन योजना का लाभ उठा रहे हैं। यह असली गरीब परिवारों के हक का राशन छीनने जैसा है। इसी को रोकने के लिए अब ई-केवाईसी (e-KYC) को अनिवार्य कर दिया गया है। अगर किसी का राशन कार्ड गलत जानकारी या फर्जी दस्तावेज के आधार पर बना है, तो वह सीधे-सीधे कैंसिल कर दिया जाएगा। वहीं, जिन लोगों की आय या योग्यता इस योजना के लिए पात्र नहीं है, उनका नाम भी सूची से हटा दिया जाएगा।
किन लोगों का राशन कार्ड बंद होगा?
- जो लोग इनकम टैक्स भरते हैं।
- जिनके पास पक्का मकान, चारपहिया वाहन, या बड़ी संपत्ति है।
- सरकारी नौकरी करने वाले लोग
- जिन्होंने गलत दस्तावेज़ से राशन कार्ड बनवाया है।
- जिनकी आय तय सीमा से ज्यादा है।
ऐसे लोगों को आगे से फ्री राशन का लाभ नहीं मिलेगा और उनका राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा।
राशन कार्ड पर मिलेंगे 10 बड़े फायदे
जो लोग वास्तव में गरीब और पात्र हैं, उन्हें अब राशन कार्ड के तहत 10 तरह के जरूरी रसोई सामान दिए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं –
1. गेहूं
2. चावल
3. चना
4. दाल
5. चीनी
6. नमक
7. सरसों का तेल
8. सोयाबीन तेल
9. आटा
10. मसाले
सरकार का उद्देश्य है कि गरीब परिवारों को न सिर्फ भरपेट खाना मिले, बल्कि उन्हें पोषणयुक्त और संतुलित आहार भी मिल सके।
ई-केवाईसी कब तक करानी जरूरी है?
आपको बता दें कि सरकार ने सभी राशन कार्ड धारकों को 30 दिसंबर 2025 तक ई-केवाईसी कराने का निर्देश दिया है। अगर इस तारीख तक आपका ई-केवाईसी पूरा नहीं हुआ, तो आपका राशन कार्ड अपने-आप रद्द हो जाएगा और आप सरकारी राशन का लाभ नहीं ले पाएंगे।
सरकार का मकसद
इस पूरी प्रक्रिया का मकसद है कि फर्जीवाड़ा खत्म हो और योजना का लाभ सही जरूरतमंद परिवार तक पहुंचे। केंद्र और राज्य सरकारों ने राशन प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए यह कदम उठाया है।
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