Bank Licence Close 2025 : हाल ही में कुछ सहकारी और छोटे प्राइवेट बैंकों पर बड़ा झटका लगा है, जब रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने उनके संचालन के लाइसेंस रद्द करने का ऐलान किया। यह फैसला उन बैंकों पर लगाया गया जिनकी वित्तीय स्थिति बेहद कमजोर हो चुकी थी और वे ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे पा रहे थे। इस कदम के बाद लाखों ग्राहकों के मन में अपने जमा पैसों को लेकर चिंता बढ़ गई है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि अगर आपका खाता इन बैंकों में है, तो आपका पैसा कैसे और किस तरह से सुरक्षित निकाला जा सकता है।
बैंक का लाइसेंस क्यों रद्द किया गया?
RBI किसी भी बैंक का लाइसेंस तब रद्द करता है जब वह वित्तीय नियमों का पालन करने में असफल हो जाए या जमाकर्ताओं के पैसे की सुरक्षा में खतरा पैदा कर दे। कई बार यह स्थिति लगातार घाटा उठाने, रिज़र्व की कमी, समय पर भुगतान न कर पाने या गंभीर नियम उल्लंघन के कारण बनती है। ऐसे मामलों में बैंक का संचालन जारी रखना ग्राहकों और वित्तीय व्यवस्था दोनों के लिए खतरा बन सकता है।
ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा
बैंक का लाइसेंस रद्द होने के बाद भी जमाकर्ताओं के पैसे की पूरी तरह सुरक्षा रहती है। DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) योजना के तहत, प्रत्येक खाते में ₹5 लाख तक की राशि सुरक्षित रहती है। इस रकम में मूलधन और ब्याज दोनों शामिल होते हैं। यानी, यदि बैंक डूब भी जाए तो भी तय सीमा तक का पैसा आपको वापस मिल जाएगा।
पैसा निकालने की प्रक्रिया
लाइसेंस रद्द होने के बाद बैंक DICGC को सभी जमाकर्ताओं का विवरण भेजता है। इसके बाद DICGC आपके पैसे की अदायगी की प्रक्रिया शुरू करता है, जो आमतौर पर 90 दिनों के भीतर पूरी हो जाती है। ग्राहक को बस आवश्यक KYC डॉक्यूमेंट, पासबुक या एफडी की रसीद और क्लेम फॉर्म जमा करना होता है। राशि सीधे आपके अन्य बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
ग्राहकों के पैसे का क्या होगा?
अगर आपका पैसा ऐसे बैंक में जमा है जिसका लाइसेंस रद्द हो चुका है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) योजना के तहत, प्रति जमाकर्ता ₹5 लाख तक की राशि सुरक्षित रहती है। इसमें आपका मूल धन और ब्याज दोनों शामिल होते हैं।
किन बैंकों पर हुआ असर?
RBI समय-समय पर ऐसे बैंकों की सूची जारी करता है जिनका लाइसेंस रद्द किया गया है। इनमें ज्यादातर सहकारी बैंक और छोटे प्राइवेट बैंक शामिल होते हैं। ग्राहकों को हमेशा अपने बैंक की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए।
निष्कर्ष
बैंक का लाइसेंस रद्द होना ग्राहकों के लिए चिंता की बात जरूर है, लेकिन DICGC की स्कीम की वजह से ₹5 लाख तक की राशि सुरक्षित रहती है। अगर आपका खाता ऐसे बैंक में है, तो तुरंत क्लेम प्रोसेस शुरू करें और भविष्य के लिए अपने पैसे को अलग-अलग सुरक्षित जगहों पर निवेश करने की आदत डालें।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य से दी गई है। वास्तविक प्रक्रिया और भुगतान का समय अलग हो सकता है। किसी भी कार्रवाई से पहले आधिकारिक स्रोत से पुष्टि जरूर करें।