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इतिहास का रिकॉर्ड चकनाचूर हुआ! बाजार खुलते 22K और 24K सोना रिकॉर्ड तोड़ सस्ता हुआ – जानिए आज का ताजा रेट।

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आज भारतीय सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली। दिल्ली में सोने की कीमत ₹560 की गिरावट के साथ ₹98,010 प्रति 10 ग्राम पर आ गई। वहीं, चांदी की कीमत लगातार दूसरे दिन स्थिर रही और ₹1,04,800 प्रति किलो पर टिक गई। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक मांग में कमी, मुनाफा वसूली और अमेरिकी राजनीतिक अस्थिरता इसके मुख्य कारण हैं।

सोना और चांदी की ताजा खबरें

इंडियन ऑयल संगठन के अनुसार, 99.9% शुद्धता वाला सोना सोमवार को ₹99,120 था, जो आज ₹98,010 प्रति 10 ग्राम पर आ गया। वहीं, 99.5% शुद्धता वाला सोना ₹510 की कटौती के बाद ₹97,900 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि कमजोर वैश्विक संकेत और घरेलू बाजार में मौसमी मांग में कमी इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण हैं।

डॉलर की मजबूती का असर

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर कमोडिटी एनालिस्ट सौमिल गांधी ने बताया कि अमेरिकी डॉलर की रिकवरी और अमेरिका के मजबूत रोजगार आंकड़ों के कारण ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कमजोर हुई है। इसका असर सोने की कीमतों पर पड़ा है। इसके अलावा, अमेरिका और अन्य देशों के बीच व्यापार टैरिफ को लेकर थोड़ी स्पष्टता ने निवेशकों की सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग को घटाया है। गांधी ने कहा कि सोने की ट्रेडिंग कमजोर स्तर पर फिर से शुरू हुई है और इसका असर वैश्विक बाजार और अमेरिकी नीतियों से जुड़े संकेतों पर पड़ा है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की गिरावट

वैश्विक स्तर पर सोना कमजोर हुआ है। स्पॉट गोल्ड $38.5 गिरकर $3,297.69 प्रति औंस पर पहुंच गया। यह गिरावट निवेशकों के सतर्क रवैये और अमेरिका द्वारा संभावित व्यापार टैरिफ की टाइमलाइन की वजह से आई है।

सोने का अगला रुझान

रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी के अनुसार, COMEX गोल्ड में गिरावट के कारण भारत में सोना लगभग ₹96,500 के आसपास रहा, जिसमें लगभग ₹350 की गिरावट आई। ट्रेड टैरिफ की एक्सटेंशन डेट को लेकर असमंजस और फेडरल रिजर्व की पिछली बैठक के संकेतों के आधार पर आगे की नीति का असर हो सकता है। फिलहाल सोना ₹95,500 से ₹97,500 के दायरे में रह सकता है।

निष्कर्ष

सोने की हालिया गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक बाजार से मिले कमजोर संकेत, डॉलर की मजबूती और निवेशकों की सतर्कता है। घरेलू स्तर पर मांग में कमी ने भी इसमें योगदान दिया है। निकट भविष्य में कीमतें सीमित दायरे में रह सकती हैं और निवेशकों को वैश्विक आर्थिक संकेतों पर नजर रखनी चाहिए।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और बाजार रुझानों के लिए दी गई है। इसमें दिए गए आंकड़ों को निवेश की सलाह नहीं माना जाना चाहिए। निवेश करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेना उचित रहेगा। बाजार में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक हैं; कृपया सोच-समझकर निर्णय लें।

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